Giriraj Chalisa in Hindi PDF Free Download

[Giriraj Chalisa PDF Free Download] श्री गिरिराज चालीसा हिंदू मान्यताओं में एक बहुत ही बड़ा स्थान रखती है गिरिराज चालीसा को download करने के लिए यह blog पूरा पढ़ते रहिए आगे नीचे तक क्योंकि नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करके आप download कर सकते हैं हिंदी में|

Recited daily, the Shree Giriraj Chalisa is a highly regarded religious hymn honoring Lord Shree Giriraj and is said to alleviate sorrow and attract prosperity.

This digital publication, renowned for its precise and genuine digitalization of spiritual writings, presents it in its original Devnagari (Hindi) script. To stay motivated, they urge readers to give their work a five-star rating.

श्री गिरिराज चालीसा जो भी मनुष्य बहुत ही साफ औरअच्छे मन से करता है भगवान गिरिराज उसकी सुख और समृद्धि देते हैं|

Giriraj Chalisa PDF Free Download

The Chalisa’s rhythmic recitation has a relaxing, meditative effect that calms the mind, eases tension, and promotes inner serenity. The basis for spiritual development and self-realization is laid by this cleansing of the mind and spirit.

चालीसा जीवन में स्वास्थ्य, धन, सफलता, ज्ञान या स्वतंत्रता सहित कई चीजों के लिए प्रबल इच्छा व्यक्त करती है। ऐसा कहा जाता है कि जब चालीसा को दृढ़ विश्वास और सच्ची भक्ति के साथ दोहराया जाता है तो भगवान कृष्ण की कृपा से ये इच्छाएं पूरी हो जाती हैं।

Reciting the Chalisa, which describes Lord Krishna’s omnipotence in conquering impassable hurdles, asks for divine intervention and blessings to bravely face life’s trials and triumph over them.

चालीसा में सदाचारपूर्ण जीवन जीने और निःस्वार्थ भक्ति के साथ कार्यों को करने पर जोर दिया गया है। माना जाता है कि जो लोग चालीसा का पाठ करते हैं, वे पिछली गलतियों के लिए क्षमा मांगते हैं और सदाचारी जीवन जीने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं, जिससे नकारात्मकता कम हो जाती है

Book NameGiriraj Chalisa
TypePDF
Language Hindi
PartComplete
Giriraj Chalisa PDF Free Download hindi lyrics
Source: Oneindia

Giriraj Chalisa PDF Free Download Lyrics

दोहा

बन्दहुँ वीणा वादिनी, धरि गणपति को ध्यान।
महाशक्ति राधा, सहित कृष्ण करौ कल्याण।
सुमिरन करि सब देवगण, गुरु पितु बारम्बार।
बरनौ श्रीगिरिराज यश, निज मति के अनुसार।

चौपाई

जय हो जय बंदित गिरिराजा, ब्रज मण्डल के श्री महाराजा।
विष्णु रूप तुम हो अवतारी, सुन्दरता पै जग बलिहारी।
स्वर्ण शिखर अति शोभा पावें, सुर मुनि गण दरशन कूं आवें।
शांत कंदरा स्वर्ग समाना, जहाँ तपस्वी धरते ध्याना।

द्रोणगिरि के तुम युवराजा, भक्तन के साधौ हौ काजा।
मुनि पुलस्त्य जी के मन भाये, जोर विनय कर तुम कूं लाये।
मुनिवर संघ जब ब्रज में आये, लखि ब्रजभूमि यहाँ ठहराये।
विष्णु धाम गौलोक सुहावन, यमुना गोवर्धन वृन्दावन।

देख देव मन में ललचाये, बास करन बहुत रूप बनाये।
कोउ बानर कोउ मृग के रूपा, कोउ वृक्ष कोउ लता स्वरूपा।
आनन्द लें गोलोक धाम के, परम उपासक रूप नाम के।
द्वापर अंत भये अवतारी, कृष्णचन्द्र आनन्द मुरारी।

महिमा तुम्हरी कृष्ण बखानी, पूजा करिबे की मन ठानी।
ब्रजवासी सब के लिये बुलाई, गोवर्धन पूजा करवाई।
पूजन कूं व्यंजन बनवाये, ब्रजवासी घर घर ते लाये।
ग्वाल बाल मिलि पूजा कीनी, सहस भुजा तुमने कर लीनी।

स्वयं प्रकट हो कृष्ण पूजा में, मांग मांग के भोजन पावें।
लखि नर नारि मन हरषावें, जै जै जै गिरिवर गुण गावें।
देवराज मन में रिसियाए, नष्ट करन ब्रज मेघ बुलाए।
छाया कर ब्रज लियौ बचाई, एकउ बूंद न नीचे आई।

सात दिवस भई बरसा भारी, थके मेघ भारी जल धारी।
कृष्णचन्द्र ने नख पै धारे, नमो नमो ब्रज के रखवारे।
करि अभिमान थके सुरसाई, क्षमा मांग पुनि अस्तुति गाई।
त्राहि माम मैं शरण तिहारी, क्षमा करो प्रभु चूक हमारी।

बार बार बिनती अति कीनी, सात कोस परिकम्मा दीनी।
संग सुरभि ऐरावत लाये, हाथ जोड़ कर भेंट गहाए।
अभय दान पा इन्द्र सिहाये, करि प्रणाम निज लोक सिधाये।
जो यह कथा सुनैं चित लावें, अन्त समय सुरपति पद पावैं।

गोवर्धन है नाम तिहारौ, करते भक्तन कौ निस्तारौ।
जो नर तुम्हरे दर्शन पावें, तिनके दुख दूर ह्वै जावे।
कुण्डन में जो करें आचमन, धन्य धन्य वह मानव जीवन।
मानसी गंगा में जो नहावे, सीधे स्वर्ग लोक कूं जावें।

दूध चढ़ा जो भोग लगावें, आधि व्याधि तेहि पास न आवें।
जल फल तुलसी पत्र चढ़ावें, मन वांछित फल निश्चय पावें।
जो नर देत दूध की धारा, भरौ रहे ताकौ भण्डारा।
करें जागरण जो नर कोई, दुख दरिद्र भय ताहि न होई।

श्याम शिलामय निज जन त्राता, भक्ति मुक्ति सरबस के दाता।
पुत्रहीन जो तुम कूं ध्यावें, ताकूं पुत्र प्राप्ति ह्वै जावें।
दण्डौती परिकम्मा करहीं, ते सहजहिं भवसागर तरहीं।
कलि में तुम सक देव न दूजा, सुर नर मुनि सब करते पूजा।

दोहा

जो यह चालीसा पढ़ै, सुनै शुद्ध चित्त लाय।
सत्य सत्य यह सत्य है, गिरिवर करै सहाय।
क्षमा करहुँ अपराध मम, त्राहि माम् गिरिराज।
श्याम बिहारी शरण में, गोवर्धन महाराज।

Giriraj Chalisa PDF Free Download hindi lyrics
Source: Astrolekha

Shri Giriraj Chalisa PDF पढ़ने के लिए महत्वपूर्ण बिंदु

For Hindus all throughout the world, the Giriraj Chalisa—a holy poem honoring Lord Krishna in his incarnation as Mount Govardhan—is extremely important.

This 40-verse chant, usually credited to Sant Goswami Kumbhan Das, is more than just a devotional exercise; it is a means of achieving spiritual elevation and provides a means of encountering Lord Krishna’s celestial benefit

लाभ और आध्यात्मिक महत्व: गिरिराज चालीसा का पाठ करने से भगवान कृष्ण के साथ एक मजबूत बंधन विकसित होता है।

प्रत्येक श्लोक उनके दैवीय गुणों का सारांश देता है, उनकी शरारती किशोर शरारतों से संबंधित है, और इंद्र के प्रकोप से वृंदावन के लोगों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत उठाने के उनके साहसी कार्य की कहानी बताता है। इस निरंतर स्मरण से आस्तिक और परमात्मा के बीच का रिश्ता मजबूत होता है।

Giriraj Chalisa PDF Free Download hindi lyrics
Source: Zee News

Shri Giriraj Chalisa PDF download in Hindi: यहां पढे़ं गिरिराज चालीसा, जानें महत्व और लाभ

दुर्गा चालीसा पढ़ने से आपके जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है देवराज चालीसा की कईपंक्तियां पढ़ने से आपके टच और दुख दर्द सब मिट जाते हैं।

गिरिराज चालीसा का जाप करने से आपके धन और मन में गलती होती है गिरिराज चालीसा का जब रोज-रोज करने से आपका धन बढ़ाने की प्रक्रिया बढ़ जाती है और आप काफी ज्यादा धनवानी भी बन सकते हैं अगर आप रोज गिरिराज चालीसा को अपने पूरे दिल से पढ़ते हैं।

गिरिराज भगवान भक्तों की सारी मनोकामना पूरी करते हैं तो आज से ही आपको गिरिराज चालीसा पढ़ना गिरिराज चालीसा पढ़कर आपके सारे दुख खत्म हो जाएंगे और दुखों का निवारण हो जाएगा।

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Giriraj Chalisa PDF Download Video

Giriraj Chalisa PDF Free Download

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Conclusion

गिरिराज चालीसा आध्यात्मिक और व्यक्तिगत विकास के लिए एक शक्तिशाली उपकरण है; यह सिर्फ एक भक्ति गीत से कहीं अधिक है। भक्ति और विश्वास के साथ जप के माध्यम से, लोग भगवान कृष्ण के करीब आते हैं, आंतरिक शांति विकसित करते हैं, बाधाओं को दूर करते हैं और आध्यात्मिक मुक्ति के मार्ग पर आगे बढ़ते हैं।

चाहे कोई आराम, मानसिक शक्ति, या भगवान की स्पष्ट समझ की तलाश में हो, गिरिराज चालीसा के लाभों को स्वीकार करने से इसके छंद उनके मार्ग पर प्रकाश डालने में सक्षम हो जाते हैं।

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Introducing Saurabh Kumar, a distinguished university MBA postgraduate with more than five years of blogging experience. As a seasoned writer, SEO specialist, and digital storyteller, Saurabh skillfully combines his business knowledge with gripping storytelling. His blog entries provide strategic advice for improving online presence in addition to showcasing his in-depth knowledge on a wide range of subjects.

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