श्री दुर्गा चालीसा पाठ (Durga Chalisa) Hindi PDF download free from the direct link given below in the page.
PDF Name | श्री दुर्गा चालीसा पाठ (Durga Chalisa) |
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No. of Pages | 17 |
PDF Size | 1.19 MB |
Language | Hindi |
Tags Durga Chalisa (दुर्गा चालीसा), चालीसा संग्रह PDF Category Hindu Books, Religion & Spirituality श्री दुर्गा चालीसा पाठ (Durga Chalisa) Hindi
श्री दुर्गा चालीसा पाठ – Durga Chalisa Path Hindi PDF
श्री दुर्गा चालीसा हिंदी में आरती और पूजा के लिए इस्तेमाल होती है यह मां दुर्गा को जल्दी प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद हमेशा अपने परिवार पर बनाने के लिए पढ़ी जाती है|
इसका इस्तेमाल और हमें इसे ज्यादातर पढ़ना चाहिए कोशिश करनी चाहिए कि रोज पढ़ें या फिर नवरात्र में ज्यादा से ज्यादा और जरूर से जरूर पढ़नी चाहिए दिन में एक बार कम से कम|
॥ श्री दुर्गा चालीसा ॥
नमो नमो दुर्गे सुख करनी।
नमो नमो अंबे दुःख हरनी॥
निरंकार है ज्योति तुम्हारी।
तिहूं लोक फैली उजियारी॥
शशि ललाट मुख महाविशाला।
नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥
रूप मातु को अधिक सुहावे।
दरश करत जन अति सुख पावे॥
तुम संसार शक्ति लै कीना।
पालन हेतु अन्न धन दीना॥
अन्नपूर्णा हुई जग पाला।
तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥
प्रलयकाल सब नाशन हारी।
तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें।
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥
रूप सरस्वती को तुम धारा।
दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥
धरयो रूप नरसिंह को अम्बा।
परगट भई फाड़कर खम्बा॥
रक्षा करि प्रह्लाद बचायो।
हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं।
श्री नारायण अंग समाहीं॥
क्षीरसिन्धु में करत विलासा।
दयासिन्धु दीजै मन आसा॥
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी।
महिमा अमित न जात बखानी॥
मातंगी अरु धूमावति माता।
भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥
श्री भैरव तारा जग तारिणी।
छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥
केहरि वाहन सोह भवानी।
लांगुर वीर चलत अगवानी॥
कर में खप्पर खड्ग विराजै।
जाको देख काल डर भाजै॥
सोहै अस्त्र और त्रिशूला।
जाते उठत शत्रु हिय शूला॥
नगरकोट में तुम्हीं विराजत।
तिहुँलोक में डंका बाजत॥
शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे।
रक्तन बीज शंखन संहारे॥
महिषासुर नृप अति अभिमानी।
जेहि अघ भार मही अकुलानी॥
रूप कराल कालिका धारा।
सेन सहित तुम तिहि संहारा॥
परी गाढ़ सन्तन पर जब जब।
भई सहाय मातु तुम तब तब॥
आभा पुरी अरु बासव लोका।
तब महिमा सब रहें अशोका॥
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी।
तुम्हें सदा पूजें नर-नारी॥
प्रेम भक्ति से जो यश गावें।
दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई।
जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई॥
जोगी सुर मुनि कहत पुकारी।
योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥
शंकर आचारज तप कीनो।
काम क्रोध जीति सब लीनो॥
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को।
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥
शक्ति रूप का मरम न पायो।
शक्ति गई तब मन पछितायो॥
शरणागत हुई कीर्ति बखानी।
जय जय जय जगदम्ब भवानी॥
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा।
दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥
मोको मातु कष्ट अति घेरो।
तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥
आशा तृष्णा निपट सतावें।
रिपु मुरख मोही डरपावे॥
शत्रु नाश कीजै महारानी।
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥
करो कृपा हे मातु दयाला।
ऋद्धि-सिद्धि दै करहु निहाला।
जब लगि जियऊं दया फल पाऊं।
तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं॥
श्री दुर्गा चालीसा जो कोई गावै।
सब सुख भोग परमपद पावै॥
देवीदास शरण निज जानी।
करहु कृपा जगदम्ब भवानी॥
॥ इति श्री दुर्गा चालीसा सम्पूर्ण ॥
मां दुर्गा की पूजा दुर्गा चालीसा के बिना अधूरी मानी जाती है क्योंकि दुर्गा चालीसा एक बहुत महत्वपूर्ण चालीसा मानी जाती हैऔर दुर्गा चालीसा का प्रयोग करने से और दुर्गा चालीसा का पाठ करने से हमें अपने शत्रुओं से मुक्ति मिलती है हमारी इच्छाएं पूरी होती है और हमारी जो भी मनोकामनाएं होती है वह पूरी हो जाती हैं
हमें कोशिश करनी चाहिए की नवरात्रि में जरूर से जरूर दुर्गा चालीसा पढ़ें क्योंकि नवरात्रा में दुर्गा चालीसा पढ़ने से माता तक हमारी बातें जल्दी पहुंचती हैं
हमें दुर्गा चालीसा के बाद यह मंत्र भी पढ़ना चाहिए नमो नमो दुर्गे सुख करनी, जय अम्बे गौरी आरती ,जगजननी जय जय आरती. [Durga Chalisa Path Hindi PDF download]
दुर्गा चालीसा पाठ करने के फायदे
किसी भी शुभ अवसर पर या नवरात्र पर दुर्गा चालीसा कर करना चाहिए और दुर्गा चालीसा करने वाले करने वाले व्यक्ति को अंदरूनी खुशी मिलती है|
अपने मन को शांत करने के लिए दुर्गा चालीसा का पाठ रोज करना चाहिए|
रोजाना दुर्गा चालीसा का पाठ करने से आपको आपके शरीर में एक नई ऊर्जा का एहसास होगा और आप अपने विरोधियों से अपने दुश्मनों से भी अच्छे से लड़ पाएंगे और उनसे विजय करके उनके ऊपर जा पाएंगे|
दुर्गा चालीसा करने से दुर्गा चालीसा करने वाला व्यक्ति अपने परिवार को भारी संकटों से औरपहाड़ी नुकसानों से और अलग-अलग प्रकार के दुखों से बचा सकता है|
दुर्गा चालीसा का पाठ करने से घर में सुख समृद्धि आती है|[Durga Chalisa Path Hindi PDF download]
श्री दुर्गा चालीसा की महत्वपूर्ण जानकारी
मां दुर्गा चालीसा एक हिंदू धार्मिक प्रार्थना है इसे हम लोग पढ़ते हैं ताकि हमारे घर में सुख समृद्धि आए मां दुर्गा चालीसा का पाठ ज्यादातर नवरात्र में किया जाता है
यह करना बहुत महत्वपूर्ण भी होता है अगर आप चाहते हैं कि आपके घर में सब अच्छा हो और आपको मां दुर्गा का आशीर्वाद मिले तो आपको इसका पाठ जरूर करना चाहिए नवरात्र में तो जरूर ही करना चाहिए|
दुर्गा चालीसा मां के नवरूप रूपों को दिखाती हैऔर वह नव रूप है चंडी, भद्रकाली, सिंहवाहिनी, ब्रह्मचारिणी, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, महागौरी और सिद्धिदात्री|
श्री दुर्गा चालीसा पाठ करने से मन को शांति मिलती है और यह मन को शुद्ध भी करता है और जितनी भी बुरी बलाई होती है उनसे हमें बचाता है दुर्गा चालीसा का पाठ करने से मां सभी कष्ट से भक्तों को मुक्त करती है हैंर भागता है|
श्री दुर्गा चालीसा का पाठ कैसे करें?
जिस दिन आपको पूजा करनी है उसे दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें
फिर साफ और सफल कपड़े पहन कर तैयार हो जाए और प्रक्रिया को शुरू करें
एक लाल रंग का कपड़ा ले और उसेलकड़ी की चौकी पर बिछाई
फिर उसे पर एक श्री दुर्गा मां की प्रतिमा स्थापित करें
फिर जो प्रतिमा अपने स्थापित की है उसके सामने दिया धूप और अगरबत्ती लगाए
फिर प्रार्थना शुरू करने से पहले आगे सुंदर फूल हर मां को चढ़ाए और फिर प्रार्थना शुरू करें
यह सब करने के बाद आप श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करना शुरू कर सकते हैं
और एक महत्वपूर्ण चीज पूजा के दौरान घर में सभी सदस्य इसी स्थान पर रहेंगे तो उनसे मां की उन पर अच्छी नजर पड़ेगी और आशीर्वाद उन पर बना रहे गा|
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